होली गीत 02-24_ फागुन के महीनवा
भोजपुरी होली गीत 02/24_ फागुन के महीनवा।
डह _डह डहके मोर परनवा हो।
अइले फागुन के महीनवा।
सखी लोग के अइले सजनवा हो।
अइले फागुन के महिनवा।
दुबई में जाके पिया हमके भूली गइला।
केवन सवतिया संगवा नेहिया लगवला।
सुधियो ना लेहला हमरो बेइमनवा हो।
अइले फागुन के महिनवा।
ठीक नाही कईला पिया फागुन में ना अइला ।
सालो साल जोहली हमसे होलियो ना खेलला।
जीयरा जरावे कोइली गाई गाई गनवा हो।
अइले फागुन के महिनवा।
खेतवा में देखा पियर सरसो फुलाइल।
गेंहुआ के बाली झूमे हरियर मटर गदराइल।
महुआ के कोंचवा चुये रस मदनवा हो।
अइले फागुन के महिनवा।
पेडवा की डलिया पर कोइली मगन गावे गनवा ।
अमवा के मोजरा सिहरावे बैरी पवनवा।
तिल तिल जरे भारती पिया मोर योवनवा हो।
अइले फागुन के महिनवा।
डह डह डहके मोर परनवा हो।
आइले फागुन के महिनवा।
गीतकार
श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड
मॉब.9955509286
Rupesh Kumar
18-Feb-2024 07:11 PM
बहुत खूब
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Shnaya
18-Feb-2024 07:21 AM
Nice one
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Mohammed urooj khan
17-Feb-2024 02:56 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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